Waqf Amendment Bill: जाने मुस्लिम संगठनों की क्या है मांग?

Waqf Amendment Bill: 17 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ कानून में बदलाव के प्रस्ताव के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस धरने में कई सांसदों को भी बुलाया गया। यह धरना पहले 13 मार्च को होना था, लेकिन होली की छुट्टियों की वजह से इसे आगे बढ़ा दिया गया। AIMPLB का कहना है कि वे एनडीए सरकार और दूसरे धर्मनिरपेक्ष दलों को इस बिल के प्रति जागरूक करना चाहते हैं। उनका मानना है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है।

Waqf Amendment Bill: देशभर में विरोध, जंतर-मंतर पर बड़ा प्रदर्शन

सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़े कानून में बदलाव के प्रस्ताव पर देशभर में मुस्लिम संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। यह बिल अगस्त 2024 में संसद में पेश किया गया था, जिसमें वक्फ संपत्तियों (मुस्लिम समुदाय की धार्मिक/सामाजिक संपत्ति) के नियंत्रण और उनसे जुड़े विवादों को सुलझाने का अधिकार सरकार को देने की बात है। सरकार का कहना है कि इससे संपत्ति का बेहतर उपयोग होगा और महिलाओं को फायदा मिलेगा, लेकिन विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि यह बिल समुदाय की संपत्ति पर सरकार का कब्जा करने की कोशिश है।

संसद और सड़कों पर विवाद

इस बिल को लेकर संसद में भी तनाव है। जनवरी 2025 में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने सरकार के 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जबकि विपक्ष के 44 सुझाव खारिज कर दिए। अब 17 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के नेतृत्व में बड़ा प्रदर्शन होगा। इसके अलावा, बिहार, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों में भी विरोध की तैयारी है।

वक्फ बिल को लेकर तनाव बढ़ा, समिति अध्यक्ष ने दिया जवाब

संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने विपक्षी दलों और मुस्लिम समूहों के रवैये पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जो लोग वक्फ बिल के खिलाफ हैं, वे सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। लेकिन वे एक तरफ कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ धमकी भरे बयान दे रहे हैं। लोकतंत्र धमकियों से नहीं, बल्कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के फैसलों से चलता है। कानून या तो संसद में बनेगा या फिर जनता की मर्जी से, न कि दबाव से।”

मुस्लिम संगठनों का आरोप

मुस्लिम संगठनों का मानना है कि केंद्र सरकार “असंवैधानिक” तरीके से मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रही है। उनका कहना है, “सरकार के इस कदम ने मुसलमानों को विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरने पर मजबूर कर दिया है। यह बिल समुदाय के अधिकारों पर हमला है।”

मुस्लिम संगठनों का आरोप: वक्फ बिल से अधिकारों को खतरा

मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल उनके धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों के लिए बड़ा खतरा है। जमात-ए-इस्लामी हिंद के एक नेता ने बताया कि वक्फ संपत्तियाँ सरकार की नहीं, बल्कि धार्मिक ट्रस्ट के तहत आती हैं। उन्होंने कहा, “यह बिल वक्फ संस्थाओं को अपने हिसाब से चलाने के अधिकार पर सीधा हमला है। सरकार इन संपत्तियों के प्रबंधन में दखल देकर उन्हें कमजोर करना चाहती है।”

1995 के कानून में बदलाव पर चिंता

मुसलमानों का कहना है की यह बिल 1995 के मौजूदा वक्फ कानून में बड़े बदलाव करता है, जिससे सरकार को इन संपत्तियों को नियंत्रित करने का ज्यादा अधिकार मिल जाएगा। उन सबका आरोप है, “यह बिल मुस्लिम संस्थाओं को जानबूझकर कमजोर करने की साजिश है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इसे वापस लेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो समुदाय शांतिपूर्ण तरीकों से कानूनी लड़ाई लड़ेगा।”

वक्फ संपत्तियों का महत्व और विवाद

इस्लामी परंपरा के अनुसार, वक्फ मुसलमानों द्वारा समाज की भलाई के लिए किया गया धार्मिक दान होता है। यह संपत्ति बेची या किसी और मकसद से इस्तेमाल नहीं की जा सकती, न ही इसे विरासत में मिलता है। यह हमेशा धार्मिक और सामाजिक कामों के लिए समर्पित रहती है।

भारत में वक्फ संपत्तियों का हाल

भारत में इन संपत्तियों का इस्तेमाल मस्जिदों, मदरसों, कब्रगाहों और अनाथालयों के लिए किया जाता है। लेकिन बहुत सी संपत्तियाँ या तो खाली पड़ी हैं या उन पर अवैध कब्जा हो गया है।

कानूनी व्यवस्था

वक्फ संपत्तियों को वक्फ अधिनियम 1995 के तहत मैनेज किया जाता है। इस कानून के मुताबिक, हर राज्य में एक वक्फ बोर्ड बनाया जाता है, जिसमें सरकार के नामांकित सदस्य, मुस्लिम नेता, वकील, इस्लामिक विद्वान और संपत्ति प्रबंधक शामिल होते हैं।

सरकार का दावा और बिल का मकसद

सरकार के अनुसार, वक्फ बोर्ड देश के सबसे बड़े जमींदारों में से एक है। पूरे भारत में लगभग 8.72 लाख से ज्यादा वक्फ संपत्तियाँ हैं, जो 9.4 लाख एकड़ से अधिक जमीन पर फैली हुई हैं और इनकी कीमत लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये के करीब है। सरकार का कहना है कि इन संपत्तियों में भ्रष्टाचार की समस्या है और इसी को सुधारने के लिए संशोधन बिल लाया गया है।

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  • Chandni K

    हेलो दोस्तों मेरा नाम Chandni K है ! मैं एक ब्लॉगर हूँ ! इस वेबसाइट पर मैं लोगों को जॉब और योजना से सम्बंधित हिंदी में जानकारी देती हूँ !

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